नामकरण का महत्व -
संस्कार ही बालक को मानव बनाते हैं संसार का कोई भी मनुष्य व वस्तु संस्कार से ही चमकते हैं संस्कार हीन होने पर धूमिल तथा मलिन हो जाते हैं । तत्पश्चात त्याज्य हो जाता है अतः संस्कार सबके हित के लिए अत्यावश्यक हैं। बालक के जीवन में सार्वजनिक रूप से किया जाने वाला प्रथम संस्कार नामकरण संस्कार हैं इस संस्कार का व्यवहार और जीवन में अत्यधिक महत्व है। क्योंकि संसार के सभी पदार्थों की पहचान नाम के द्वारा होती है कोई नाम निर्धारित किए बिना पदार्थों का व्यवहार नहीं हो सकता। नाम से ही किसी मनुष्य के व्यक्तित्व की पृथक सत्ता एवं पहचान बनती है जो इस जन्म में तो रहती ही है देहांत के बाद भी नाम के रूप में अमर बनी रहती है इसी को लोक में कहा जाता है "नाम अमर कर जाना" इस प्रकार नाम जीवन के साथ भी और बाद तक भी अपना अस्तित्व बनाए रखता है
इसीलिए नामकरण संस्कार बालक का अवश्य करना चाहिए।।